Essay on Indian National Movement in Hindi: (भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन)
प्रस्तावना:
हमारा देश, भारत, अपनी विविधता, संस्कृति और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के लिए विख्यात है। इसका गर्व हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन के साथ जुड़ा हुआ है, जिसमें लाखों भारतीयों ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। हमारे राष्ट्रीय आन्दोलन ने इस देश को अपनी आज़ादी हासिल करने के लिए नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया। इस लेख में, हम भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से जानेंगे।
1857 से 1947 तक के भारतीय राष्ट्रीय आंदोलनों की सूची
- 1857 का विद्रोह
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना- 1885
- स्वदेशी आन्दोलन (बंग-भंग आन्दोलन)- 1905
- मुस्लिम लीग की स्थापना- 1906
- ग़दर आंदोलन-1913
- होम रूल आंदोलन- अप्रैल 1916
- चंपारण सत्याग्रह – 1917
- खेड़ा सत्याग्रह – 1917
- अहमदाबाद मिल हड़ताल – 1918
- रॉलेट एक्ट सत्याग्रह – 1919
- खिलाफ़त आन्दोलन – 1920
- असहयोग आंदोलन- 1920
- बारदोली सत्याग्रह – 1928
- नमक सत्याग्रह (डांडी मार्च) – 1930
- सविनय अवज्ञा आंदोलन – 1930
- भारत छोड़ो आंदोलन – 1942
स्वदेशी आन्दोलन:
स्वदेशी आन्दोलन भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन की पहली महत्वपूर्ण पहलू थी। इस आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध विदेशी वस्त्रों, सामग्री और उत्पादों के बदले भारतीय सामान का उपयोग करने को प्रोत्साहित करना था। इसके अंतर्गत, भारतीय धार्मिक और सामाजिक संस्थानों ने स्वदेशी उत्पादों का उत्थान किया और विदेशी माल का विरोध किया।
नमक सत्याग्रह:
नमक सत्याग्रह भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन का एक और महत्वपूर्ण पहलू था, जिसे महात्मा गांधी ने 1930 में शुरू किया था। इस आन्दोलन के तहत गांधीजी ने नमक के उत्पादन और बेचने पर ब्रिटिश सरकार के अधिकारियों के खिलाफ किया। इस सत्याग्रह के परिणामस्वरूप ब्रिटिश सरकार ने कई बदले हुए कानूनों को वापस लिया और राजकीय कराग्रह से प्रभावित होकर आख़िरकार भारत को स्वतंत्रता मिली।
असहयोग आन्दोलन:
असहयोग आन्दोलन भी भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन का एक अहम पहलू था। असहयोग आंदोलन अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ 1 अगस्त 1920 को गांधी जी द्वारा शुरू किया गया सत्याग्रह आंदोलन है। यह अंग्रेजों द्वारा प्रस्तावित अन्यायपूर्ण कानूनों और कार्यों के विरोध में देशव्यापी अहिंसक आंदोलन था। इस आंदोलन में, यह स्पष्ट किया गया था कि स्वराज अंतिम उद्देश्य है।
भारत छोड़ो आन्दोलन:
भारत छोड़ो आन्दोलन भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन का एक अधिक प्रसिद्ध चरण था। इसका मुख्य उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त करके स्वतंत्र बनाना था। इस आन्दोलन के दौरान भारतीय राजनीतिक नेता और स्वतंत्रता सेनानियों ने विभिन्न विधियों से आन्दोलन किया और ब्रिटिश सरकार को भारत को छोड़ने पर मजबूर किया।
गोलीकांड और जलियांवाला बाग हत्याकांड:
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के दौरान 13 अप्रैल 1919 को ये दुखद घटना घटी थी, जब पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित जलियांवाला बाग में निहत्थे मासूमों का कत्लेआम हुआ था। अंग्रेजों ने निहत्थे भारतीयों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं। इस घटना को अमृतसर हत्याकांड के रूप में भी जाना जाता है। इन घटनाओं ने भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन को और भी अधिक शक्तिशाली बना दिया।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस:
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन की मुख्य राजनीतिक संगठन थी। इसकी स्थापना मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, बाल गंगाधर तिलक, और अन्य महान नेताओं ने की थी। यह संगठन स्वतंत्रता के लिए सबसे बड़े संगठनों में से एक था और इसके अंतर्गत भारतीय जनता ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया।
गांधीजी का योगदान:
महात्मा गांधी भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन में एक महत्वपूर्ण नेता थे, जिनका योगदान स्वतंत्रता संग्राम में अधिक महत्वपूर्ण था। उन्होंने असहयोग आन्दोलन, नमक सत्याग्रह, और भारत छोड़ो आन्दोलन जैसे अनेक आन्दोलनों का नेतृत्व किया। उनका अहिंसा और सत्य पर विश्वास भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन को विश्वस्तरीय माना जाता है।
स्वतंत्रता के बाद के चुनौतियां:
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन ने भारत को स्वतंत्र कराने में बहुत बड़ा योगदान दिया, लेकिन स्वतंत्रता के बाद भी देश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। विभाजन के समय भारत को भागीदारी में विभाजित किया गया और भारतीय समाज में समस्याएं उत्पन्न हुईं।
भारत-पाकिस्तान विभाजन:
स्वतंत्रता के बाद, भारत को दो अलग-अलग राष्ट्रों में विभाजित किया गया – भारत और पाकिस्तान। इस विभाजन के समय लाखों लोग अपने घरों को छोड़कर दूसरे देशों में भागने के लिए मजबूर हुए। विभाजन के समय धर्म, जाति, और संस्कृति के आधार पर भारतीय समाज में विभाजन हुआ और देश को अलग-अलग समस्याओं का सामना करना पड़ा।
समस्याएं और चुनौतियां:
स्वतंत्रता के बाद भारत को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ा, जैसे कि गरीबी, असमानता, अनार्थवाद, भ्रष्टाचार और सामाजिक बुराइयों का सामना करना पड़ा। देश को विकास की राह पर आगे बढ़ते हुए इन समस्याओं को दूर करने के लिए बहुत प्रयास किए गए।
आधुनिक भारत का विकास:
स्वतंत्रता के बाद, भारत को आधुनिकता की राह पर विकास करने का प्रयास किया गया। विज्ञान, तकनीक, और औद्योगिकरण में भारत ने अच्छी प्रगति की। नई शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ पहुंचाई। भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन की कामयाबी के बाद, भारत ने विश्व में अपनी पहचान बनाई और एक महत्वपूर्ण राष्ट्र के रूप में उभरा।
भारत की विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका:
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के महान योद्धाओं और नेताओं के प्रयासों से भारत ने विश्व स्तर पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत विश्वभर में अपने धरोहर, संस्कृति, और ज्ञान के लिए प्रसिद्ध है। भारतीय वैज्ञानिक, विचारक, और कलाकारों का योगदान विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन-(स्वतंत्रता के बाद भारत)
समाज के समृद्धि और विकास के लिए भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के महत्वपूर्ण उपलब्धियों को सुनिश्चित करना हमारा दायित्व है। आज के दिन, हमारे देश में शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक सुधार के कई क्षेत्रों में प्रगति हुई है।
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन ने महिला सशक्तिकरण और समाज में समानता को बढ़ावा दिया। महिला सम्मान की अब लोगों में उपेक्षा नहीं, बल्कि सम्मान की भावना बढ़ी है। भारतीय महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में अपने दम पर उभरकर देश के नाम को गर्व से ऊँचा कर रही हैं।
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन ने भाषाई, सांस्कृतिक, और धार्मिक संविधान को सम्पूर्णता से स्वीकार किया है। हमारे देश में विभिन्न धर्मों के लोगों को सम्मान और समानता के साथ रहने की परंपरा रही है। हम धार्मिक विविधता को अपना विशेषता मानकर इसे गर्व से देश की पहचान बना रहे हैं।
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के चलते देश में शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी प्रगति हुई है। हमारे वैज्ञानिकों ने विश्व में अपनी पहचान बनाई है और विभिन्न क्षेत्रों में अपने योगदान से देश का मानक बढ़ाया है। इसके साथ ही, भारत को भौगोलिक रूप से भी उभारा गया है और विश्वभर में उच्चस्तरीय जनजातीय संस्कृति की भावना को बनाया गया है।
इस आन्दोलन ने स्वतंत्र भारत के नेतृत्व वाले व्यक्तियों के प्रेरणा और संघर्ष का मार्ग प्रशस्त किया। आज के दिन हमें इन नेताओं को याद करना और उनके कार्यों को सम्मानित करना चाहिए। इससे हमारे देश की एकता और गरिमा का अभिवादन होगा।
समाप्ति:
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन एक ऐतिहासिक दौर था, जिसमें लाखों भारतीय ने अपने प्राणों की क़ुर्बानी देकर इस देश को स्वतंत्रता प्राप्त की। इस आन्दोलन की महिमा और शक्ति को सभी हमेशा याद रखनी चाहिए और हमें स्वतंत्रता के इस महान उत्सव को हर साल याद करके अपने देश के प्रति अपने प्रतिबद्धता को दिखाना चाहिए।
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन भारत की आज़ादी के लिए एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया था, जिसमें लाखों भारतीय ने विश्वास और संकल्प के साथ समर्थन किया। यह आन्दोलन भारतीय स्वतंत्रता की एक महत्वपूर्ण चरम शिखर था, जिसका परिणाम स्वतंत्र और समृद्ध भारत का जन्म हुआ। इस आन्दोलन के नेता, स्वतंत्रता सेनानियों, और उन सभी भारतीयों को हम सदैव याद करेंगे, जिन्होंने अपने प्राणों की बाजी लगाकर इस देश को स्वतंत्र बनाने का सपना देखा और साकार किया।
जय हिंद! जय भारत!
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