यमक अलंकार हिंदी साहित्य के अलंकारों में से एक महत्वपूर्ण अलंकार है। यह अलंकार कविता और साहित्यिक रचनाओं को अधिक सुंदर और प्रभावशाली बनाने में सहायक होता है। इस लेख में, हम यमक अलंकार की परिभाषा, अर्थ, भेद, और उदाहरण को विस्तार से समझेंगे।
यमक अलंकार की परिभाषा (Yamak Alankar Defination)
यमक अलंकार वह अलंकार है जिसमें किसी पद या शब्द का एक ही वाक्य में दो या अधिक बार प्रयोग होता है, लेकिन हर बार उसका अर्थ अलग-अलग होता है। इस अलंकार का प्रयोग कविता में सौंदर्य और गहराई लाने के लिए किया जाता है।
परिभाषा
“जब एक ही शब्द का एक वाक्य में दो बार प्रयोग हो, लेकिन उसका अर्थ हर बार अलग हो, तो उसे यमक अलंकार कहते हैं।”
यमक अलंकार का अर्थ
हिंदी काव्यशास्त्र में, यमक का अर्थ “दोहराव” होता है। इस अलंकार में शब्दों का पुनरावृत्ति केवल ध्वनि की समानता के लिए नहीं होती, बल्कि उनके अलग-अलग अर्थ कविता के भावों को और भी गहरा बनाते हैं। यमक अलंकार का उद्देश्य पाठक या श्रोता के मन में शब्दों के माध्यम से एक विशेष प्रभाव उत्पन्न करना है।
यमक अलंकार के भेद
यमक अलंकार के मुख्यतः दो प्रकार माने जाते हैं:
- शब्द यमक: इसमें एक ही शब्द का प्रयोग दो बार होता है और दोनों का अर्थ अलग होता है।
- पद यमक: इसमें पूरा पद या वाक्यांश दोहराया जाता है, लेकिन उसका भाव और संदर्भ बदल जाता है।
यमक अलंकार के उदाहरण
यमक अलंकार को समझने के लिए नीचे कुछ प्रसिद्ध उदाहरण दिए गए हैं:
- शब्द यमक का उदाहरण
“सजनी! तुम संग संग रहो,
संग में संग बजाएं।”
यहां ‘संग’ का पहला अर्थ साथी है और दूसरा अर्थ वाद्य यंत्र। - पद यमक का उदाहरण
“चल री सखी! चल, चल चल री सखी!”
इस पंक्ति में ‘चल’ शब्द को बार-बार प्रयोग करके भाव और लय उत्पन्न की गई है। - कविता का उदाहरण
“नवल कली खिली बगिया में,
नवल नवल ही रंग।”
यहां ‘नवल’ का पहला अर्थ नया और दूसरा अर्थ अद्भुत है।
यमक अलंकार का महत्व
यमक अलंकार का प्रयोग काव्य और साहित्य में रचना को सरल, आकर्षक, और लयबद्ध बनाने के लिए किया जाता है। यह पाठक के मन में भावनात्मक और बौद्धिक प्रभाव उत्पन्न करता है। इस अलंकार का सबसे अधिक उपयोग भक्ति काव्य, श्रृंगार रस, और हास्य रस की कविताओं में किया जाता है।
यमक अलंकार के प्रयोग के लाभ
- काव्य में सौंदर्य: यह अलंकार कविताओं को अधिक सुंदर और प्रभावशाली बनाता है।
- लय और ध्वनि: यमक के कारण काव्य में लय और ध्वनि की मधुरता बढ़ती है।
- भावों की गहराई: एक ही शब्द के अलग-अलग अर्थों से कविता में भावों की गहराई बढ़ जाती है।
यमक अलंकार के उपयोग की सीमाएं
हालांकि यमक अलंकार काव्य को प्रभावशाली बनाता है, लेकिन इसका अत्यधिक या अनुचित प्रयोग कविता की सरलता को बाधित कर सकता है। इसे केवल आवश्यकतानुसार और उचित संदर्भ में ही उपयोग करना चाहिए।
यमक अलंकार और अन्य अलंकारों में अंतर
यमक अलंकार को अक्सर अन्य शब्दालंकारों, जैसे श्लेष अलंकार और अनुप्रास अलंकार, के साथ भ्रमित किया जाता है।
विशेषता | यमक अलंकार | श्लेष अलंकार | अनुप्रास अलंकार |
---|---|---|---|
शब्द का प्रयोग | एक ही शब्द दो बार, अलग-अलग अर्थ में | एक ही शब्द, पर अर्थ में गहराई और संदर्भ भिन्न | समान ध्वनि वाले शब्दों की पुनरावृत्ति |
लक्ष्य | शब्द का अलग-अलग अर्थ दिखाना | शब्द के अर्थ को गहराई प्रदान करना | लय और ध्वनि का सौंदर्य |
यमक अलंकार के प्रसिद्ध उदाहरण
हिंदी साहित्य में यमक अलंकार का भरपूर उपयोग हुआ है। तुलसीदास, कबीर, सूरदास और बिहारी जैसे महान कवियों ने इसे अपनी कविताओं में उपयोग किया है।
- तुलसीदास:
“सिया राम मय सब जग जानी,
करहूं प्रणाम जोरि जुग पानी।”
यहां ‘जोरि’ का एक अर्थ हाथ जोड़ना है और दूसरा अर्थ मिलाना। - कबीर:
“मन लागो मेरो यार फकीरी में,
धन दौलत छोड़ी मितेरी में।”
‘मितेरी’ का एक अर्थ मित्रता और दूसरा व्यक्तिगत भाव है।
निष्कर्ष
यमक अलंकार हिंदी काव्यशास्त्र का एक अद्भुत अलंकार है, जो कविता को संगीतमय, अर्थपूर्ण, और प्रभावशाली बनाता है। इसका प्रयोग सही संदर्भ में करने से कविता की गहराई और सौंदर्य दोनों में वृद्धि होती है। यमक अलंकार का अध्ययन साहित्य प्रेमियों और विद्यार्थियों के लिए न केवल रोचक है, बल्कि यह भाषा और साहित्य को बेहतर समझने में भी सहायक है।
यमक अलंकार पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
- यमक अलंकार की परिभाषा क्या है?
- (a) एक ही शब्द का दोहराव, लेकिन समान अर्थ में।
- (b) एक ही शब्द का दोहराव, लेकिन भिन्न अर्थ में।
- (c) समान ध्वनि वाले शब्दों का उपयोग।
- (d) कविता में तुकबंदी उत्पन्न करना।
उत्तर: (b)
- यमक अलंकार के कितने मुख्य प्रकार होते हैं?
- (a) एक
- (b) दो
- (c) तीन
- (d) चार
उत्तर: (b)
- निम्नलिखित में से कौन-सा यमक अलंकार का उदाहरण है?
- (a) “चल री सखी! चल, चल चल री सखी!”
- (b) “रघुपति राघव राजा राम।”
- (c) “चंचल चितवन ने मन मोह लिया।”
- (d) “मधुर मधुर मेरे दीप जलो।”
उत्तर: (a)
- “नवल कली खिली बगिया में, नवल नवल ही रंग।” में ‘नवल’ का अर्थ क्या है?
- (a) नया और अद्भुत
- (b) सुंदर और मधुर
- (c) अद्भुत और चंचल
- (d) नया और चंचल
उत्तर: (a)
- यमक अलंकार का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- (a) कविता में गहराई और सौंदर्य लाना।
- (b) कविता को सरल बनाना।
- (c) केवल शब्दों की ध्वनि पर ध्यान देना।
- (d) शब्दों का अर्थ बदलना।
उत्तर: (a)
- यमक अलंकार और अनुप्रास अलंकार में मुख्य अंतर क्या है?
- (a) शब्द का दोहराव और ध्वनि का दोहराव।
- (b) अर्थ और भाव में गहराई।
- (c) लय और तुकबंदी।
- (d) इनमें कोई अंतर नहीं।
उत्तर: (a)
- कौन-से अलंकार में एक ही शब्द का अर्थ बदलता है?
- (a) अनुप्रास अलंकार
- (b) यमक अलंकार
- (c) श्लेष अलंकार
- (d) उपमा अलंकार
उत्तर: (b)
- “संग में संग बजाएं” में ‘संग’ का अर्थ क्या है?
- (a) साथी और वाद्य यंत्र
- (b) समूह और संगीत
- (c) ध्वनि और साथी
- (d) वाद्य यंत्र और ध्वनि
उत्तर: (a)
- तुलसीदास की कविता में ‘जोरि जुग पानी’ में ‘जोरि’ का अर्थ क्या है?
- (a) हाथ जोड़ना और पानी को जोड़ना।
- (b) हाथ जोड़ना और मिलाना।
- (c) पानी का प्रवाह।
- (d) पानी और साथी।
उत्तर: (b)
- यमक अलंकार का अत्यधिक उपयोग क्या कर सकता है?
- (a) कविता को अधिक प्रभावशाली बना सकता है।
- (b) कविता की सरलता को बाधित कर सकता है।
- (c) कविता में लय और ध्वनि का अभाव ला सकता है।
- (d) कविता को जटिल बना सकता है।
उत्तर: (b)