Hadappa Sabhyata Ka Vistar Lagbhag Kitne Lakh Varg Kilometre Mein tha: हड़प्पा सभ्यता एक प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता थी जो आज के पाकिस्तान और भारत में फैली हुई थी। यह सभ्यता 3300 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व तक अस्तित्व में थी। हड़प्पा सभ्यता के विस्तार के बारे में अभी भी कुछ बहस है, लेकिन अधिकांश विद्वानों का मानना है कि यह लगभग 1.5 लाख वर्ग किलोमीटर में फैली हुई थी।
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हड़प्पा सभ्यता के विस्तार के बारे में
हड़प्पा सभ्यता के विस्तार के बारे में बहस दो मुख्य कारणों से है। पहला कारण यह है कि हड़प्पा सभ्यता के कई स्थलों की खोज अभी भी जारी है। जैसे-जैसे नए स्थलों की खोज होती है, सभ्यता के विस्तार के बारे में हमारा ज्ञान बढ़ता जाता है। दूसरा कारण यह है कि हड़प्पा सभ्यता के कई स्थलों की सीमाएं स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं हैं। यह निर्धारित करना मुश्किल हो सकता है कि एक स्थल हड़प्पा सभ्यता का हिस्सा है या नहीं।
हड़प्पा सभ्यता के विस्तार का अनुमान
हालांकि, अधिकांश विद्वानों का मानना है कि हड़प्पा सभ्यता लगभग 1.5 लाख वर्ग किलोमीटर में फैली हुई थी। यह क्षेत्र पाकिस्तान के सिंध, पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों और भारत के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों को कवर करता है।
हड़प्पा सभ्यता के विस्तार के महत्व
हड़प्पा सभ्यता के विस्तार का महत्व कई कारणों से है। सबसे पहले, यह इस बात का प्रमाण है कि हड़प्पा सभ्यता एक बड़ी और शक्तिशाली सभ्यता थी। दूसरे, यह इस बात का प्रमाण है कि हड़प्पा सभ्यता व्यापक रूप से व्यापार और संचार करती थी। तीसरे, यह इस बात का प्रमाण है कि हड़प्पा सभ्यता विभिन्न प्रकार के जलवायु और भूगोल में जीवित रह सकती थी।
हड़प्पा सभ्यता की खोज
हड़प्पा सभ्यता की खोज 1921 में भारतीय पुरातत्व विभाग के तत्कालीन निदेशक, दयाराम साहनी ने की थी। उन्होंने रावी नदी के तट पर स्थित हड़प्पा शहर की खुदाई का नेतृत्व किया। हड़प्पा शहर के खंडहरों की खोज के बाद, पुरातत्वविदों ने सिंधु घाटी में कई अन्य स्थलों की खोज की, जिनमें मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल और धोलावीरा शामिल हैं।
हड़प्पा सभ्यता की खोज से पहले, इस क्षेत्र में कोई प्राचीन सभ्यता की उपस्थिति का कोई प्रमाण नहीं था। 1826 में, एक अंग्रेज अधिकारी, चार्ल्स मेसन ने पंजाब में हड़प्पा के खंडहरों की खोज की थी, लेकिन उन्होंने इसकी पहचान किसी प्राचीन सभ्यता के रूप में नहीं की थी।
दयाराम साहनी ने हड़प्पा शहर की खुदाई में कई महत्वपूर्ण साक्ष्यों की खोज की। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण हैं:
- ईंट से बने बड़े शहर
- उन्नत सीवरेज प्रणाली
- एक विशाल स्नानागार
- एक विशाल अनाज भंडार
- एक औद्योगिक क्षेत्र
- कांस्य और तांबे के बर्तन
- मुहरें और सिक्के
इन साक्ष्यों से पता चलता है कि हड़प्पा सभ्यता एक उन्नत और विकसित सभ्यता थी। यह सभ्यता 3300 ईसा पूर्व से 1900 ईसा पूर्व तक अस्तित्व में थी।
हड़प्पा सभ्यता की खोज ने भारतीय इतिहास की हमारी समझ को पूरी तरह से बदल दिया है। यह खोज इस बात का प्रमाण है कि भारत में एक प्राचीन और समृद्ध सभ्यता का अस्तित्व था, जिसे दुनिया भर के अन्य सभ्यताओं के साथ तुलना की जा सकती है।
हड़प्पा सभ्यता की खोज का महत्व
हड़प्पा सभ्यता की खोज का महत्व निम्नलिखित है:
- यह इस बात का प्रमाण है कि भारत में एक प्राचीन और समृद्ध सभ्यता का अस्तित्व था।
- यह इस बात का प्रमाण है कि भारत दुनिया भर के अन्य सभ्यताओं के साथ व्यापार और संपर्क में था।
- यह इस बात का प्रमाण है कि भारत में एक उन्नत और विकसित सभ्यता का अस्तित्व था।
हड़प्पा सभ्यता की खोज ने भारतीय इतिहास और संस्कृति के अध्ययन में एक नई दिशा प्रदान की है। यह खोज भारत की प्राचीन विरासत और समृद्धि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थल
हड़प्पा सभ्यता के प्रमुख स्थल निम्नलिखित हैं:
- मोहनजोदड़ो: पाकिस्तान के सिंधु प्रांत में स्थित, मोहनजोदड़ो हड़प्पा सभ्यता का सबसे प्रसिद्ध स्थल है। यह एक विशाल शहर था जिसमें एक अच्छी तरह से नियोजित योजना, उन्नत सीवरेज प्रणाली और एक विशाल स्नानागार था।
- हड़प्पा: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित, हड़प्पा सिंधु घाटी में दूसरा सबसे बड़ा शहर था। इसमें एक अच्छी तरह से नियोजित योजना और एक उन्नत सीवरेज प्रणाली थी।
- कालीबंगा: भारत के राजस्थान राज्य में स्थित, कालीबंगा सिंधु घाटी में एक महत्वपूर्ण शहर था। इसमें एक अच्छी तरह से नियोजित योजना, एक उन्नत सीवरेज प्रणाली और एक विशाल अनाज भंडार था।
- लोथल: भारत के गुजरात राज्य में स्थित, लोथल एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर था। इसमें एक अच्छी तरह से नियोजित योजना और एक उन्नत सीवरेज प्रणाली थी।
- धोलावीरा: भारत के गुजरात राज्य में स्थित, धोलावीरा एक महत्वपूर्ण शहर था। इसमें एक अच्छी तरह से नियोजित योजना, एक उन्नत सीवरेज प्रणाली और एक विशाल स्नानागार था।
इनके अलावा, हड़प्पा सभ्यता के कई अन्य स्थल हैं जो पाकिस्तान और भारत में स्थित हैं। इन स्थलों से प्राप्त साक्ष्य बताते हैं कि हड़प्पा सभ्यता एक उन्नत और विकसित सभ्यता थी।
निष्कर्ष
हड़प्पा सभ्यता का विस्तार लगभग 1.5 लाख वर्ग किलोमीटर था। यह क्षेत्र पाकिस्तान और भारत के कुछ हिस्सों को कवर करता है। हड़प्पा सभ्यता के विस्तार का महत्व इस बात का प्रमाण है कि यह एक बड़ी और शक्तिशाली सभ्यता थी।
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