
हरियाणा शहीदी दिवस पर कविता (Haryana Shaheed Diwas Poem in Hindi)
23 सितंबर, शहीदी दिवस,
हरियाणा का पर्व है।
वीरों की कुर्बानी का,
यह दिन स्मरण है।
राव तुलाराम, सिसोदिया,
चौधरी चरण सिंह,
फतेह सिंह, भगत सिंह,
शहीदों के बलिदानों का,
हम करते हैं सम्मान।
देश की आजादी के लिए,
इन वीरों ने लड़ाई लड़ी।
अपनी जान देकर,
उन्होंने देश को आजाद कराया।
हम उनके आदर्शों पर चलकर,
देश को आगे बढ़ाएंगे।
उनकी कुर्बानी को कभी नहीं भूलेंगे,
उनका नाम हमेशा अमर रहेगा।
शारीरिक रचना:
- छंद: चौपाई
- भाषा: हिन्दी
- रस: वीर रस
- भाव: शहीदों के प्रति श्रद्धा और सम्मान
व्याख्या:
यह कविता हरियाणा वीर एवं शहीदी दिवस के अवसर पर लिखी गई है। कविता में हरियाणा के उन वीरों और शहीदों का स्मरण किया गया है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व बलिदान दिया। कवि इन शहीदों की कुर्बानी को कभी नहीं भूलने का वचन देता है और उनके आदर्शों पर चलकर देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लेता है।
प्रमुख छंद:
- “राव तुलाराम, सिसोदिया, चौधरी चरण सिंह, फतेह सिंह, भगत सिंह, शहीदों के बलिदानों का, हम करते हैं सम्मान।”
इस छंद में कवि ने हरियाणा के कुछ प्रमुख शहीदों का नाम लिया है। इन शहीदों ने देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व बलिदान दिया। कवि इन शहीदों के बलिदानों का सम्मान करता है।
- “हम उनके आदर्शों पर चलकर, देश को आगे बढ़ाएंगे। उनकी कुर्बानी को कभी नहीं भूलेंगे, उनका नाम हमेशा अमर रहेगा।”
इस छंद में कवि ने शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त किया है। कवि इन शहीदों के आदर्शों पर चलकर देश को आगे बढ़ाने का संकल्प लेता है।
हरियाणा शहीद दिवस 2023 पर कविता -2 (Haryana Shaheed Diwas Poem in Hindi)
23 सितंबर, शहीदी दिवस
हरियाणा का गौरव दिवस
वीर तुलाराम, वीरों के वीर
देश की रक्षा के लिए शहीद हुए
अंग्रेजों के अत्याचार से
भारत को आजाद करने के लिए
अपने प्राणों की आहुति दी
देश के लिए, माँ के लिए
उनके बलिदान को कभी न भूलना
उनके आदर्शों पर चलना
देश के लिए सदैव तैयार रहना
उनकी कुर्बानी को सार्थक बनाना
जय हिंद, जय हरियाणा
शब्दार्थ:
- शहीदी दिवस: वह दिन जब देश के लिए शहीद हुए लोगों को याद किया जाता है।
- हरियाणा: भारत का एक राज्य।
- वीर तुलाराम: हरियाणा के एक स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और शहीद हो गए।
- अत्याचार: क्रूरता, यातना।
- आहुति: बलिदान।
- आदर्श: सिद्धांत, मूल्य।
- सार्थक: अर्थपूर्ण, महत्वपूर्ण।
व्याख्या:
यह कविता हरियाणा शहीदी दिवस के अवसर पर लिखी गई है। इस कविता में वीर तुलाराम को हरियाणा का गौरव बताया गया है। कविता में कहा गया है कि वीर तुलाराम ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। कविता में सभी से वीर तुलाराम के बलिदान को याद रखने और उनके आदर्शों पर चलने का आह्वान किया गया है।
शहीद दिवस पर कविता -3
भारत माँ के लाल तूने फ़र्ज़ अपना अदा किया
जान हथेली पर लेकर दुश्मन का चीर सीना दिया ।
देश को ये कर्ज़ देकर गहरी नींद सो गए
फिर से वीर भारत माँ के शहीद हो गए ।
बलिदान तुम्हारा ये देश कभी न भूल पायेगा
याद करेगा तुमको और वंदे मातरम् गायेगा ।
देश में तुम एक नई ऊर्जा का बीज बो गए
फिर से वीर भारत माँ के शहीद हो गए ।
आंखे अभी भी दरवाजे पर राह तक रही होगी
वो माँ बेटे की प्रतीक्षा में राते जग रही होगी
उस माँ को अब ये कौन जाकर समझायेगा
तू सो जा माँ तेरा लाल लौट कर नही आएगा ।
एक नया इतिहास लिखकर सन्नाटे में खो गए
फिर से वीर भारत माँ के शहीद हो गए ।
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